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संतो राह दूनो हम दीठा। हिन्दू तुरूक हटा नहिं मानै, स्वाद सभन को मीठा।। हिन्दू व्रत एकादसी साधै, दूध सिंघारा सेती। अन्न को त्यागै मन को न ...
हिन्दू तुरूक की एक राह है
हिन्दू तुरूक की एक राह है
हिन्दू तुरूक की एक राह है
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संतो राह दूनो हम दीठा।
हिन्दू तुरूक हटा नहिं मानै, स्वाद सभन को मीठा।।
हिन्दू व्रत एकादसी साधै, दूध सिंघारा सेती।
अन्न को त्यागै मन को न हटकै, पारन करै सगौती।।
तुरूक रोजा नमाज गुजारै, बिस्मिल बांग पुकारै।
इनको भिस्त कहाँ ते होवै, सांझे मुर्गी मारै।।
हिन्दू की दया मेहर तुर्कन की, दोनों घट सौं त्यागी।
ये हलाल वै झटका मारै, आगि दूनो घर लागी।।
हिन्दू तुरूक की एक राह है, सतगुरू सोई लखाई।
कहहिं कबीर सुनो हो संतो, राम न कहेउ खुदाई।।
हिन्दू तुरूक हटा नहिं मानै, स्वाद सभन को मीठा।।
हिन्दू व्रत एकादसी साधै, दूध सिंघारा सेती।
अन्न को त्यागै मन को न हटकै, पारन करै सगौती।।
तुरूक रोजा नमाज गुजारै, बिस्मिल बांग पुकारै।
इनको भिस्त कहाँ ते होवै, सांझे मुर्गी मारै।।
हिन्दू की दया मेहर तुर्कन की, दोनों घट सौं त्यागी।
ये हलाल वै झटका मारै, आगि दूनो घर लागी।।
हिन्दू तुरूक की एक राह है, सतगुरू सोई लखाई।
कहहिं कबीर सुनो हो संतो, राम न कहेउ खुदाई।।
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मालिक बाबा - परम पूज्य बौआ साहब जू
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जन्म से सभी मानव हैं, अतएव मानव धर्म अपनाकर तथा मानवता के नियमों का पालन करके सभी को पूर्ण मानव बनना चाहिए।
ReplyDeleteकर्तव्य कर्म ही धर्म हैं और वही पूजा है।
K N Srivastava MA-1963,LLB--1981 Advocate presently Teacher,writer and poet living in Gomtinagar,Lucknow in UP India Dt- 14/1/2022
Mobile 9839666784