11:17 PM
भक्तिदान गुरू दीजिए, देवन के देवा।
चरण कमल बिसरौं नहीं, करिहौं पद सेवा।
तीरथ व्रत मैं ना करूं, नहिं देवन पूजा।
तू ही ओर निरखत रहूं, कोई और न दूजा।।
सुख संपति परिवार धन, सुंदर वर—नारी।
सपनेहूं इच्छा ना उठे, रहे ध्यान तुम्हारी।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि है, बैकुंठ विलासा।
सो सब कछु नहिं चाहिए, मेरे समरथ दाता।।
धर्मदास की विनती, साहब सुनि लीजै।
दरशन दीजै पट खोलि के, आपन करि लीजै।।
भक्तिदान गुरू दीजिए, देवन के देवा। चरण कमल बिसरौं नहीं, करिहौं पद सेवा। तीरथ व्रत मैं ना करूं, नहिं देवन पूजा। तू ही ओर निरखत रहूं, कोई...
भक्तिदान
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भक्तिदान गुरू दीजिए, देवन के देवा।
चरण कमल बिसरौं नहीं, करिहौं पद सेवा।
तीरथ व्रत मैं ना करूं, नहिं देवन पूजा।
तू ही ओर निरखत रहूं, कोई और न दूजा।।
सुख संपति परिवार धन, सुंदर वर—नारी।
सपनेहूं इच्छा ना उठे, रहे ध्यान तुम्हारी।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि है, बैकुंठ विलासा।
सो सब कछु नहिं चाहिए, मेरे समरथ दाता।।
धर्मदास की विनती, साहब सुनि लीजै।
दरशन दीजै पट खोलि के, आपन करि लीजै।।
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मालिक बाबा - परम पूज्य बौआ साहब जू
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sahib bandagi chahe aap jo ho aap mere sad guru kabir ki bhagti shakti ka Bhaw die ho agar om ke jagah satynaam likho to parmanik hoga.9525379919
ReplyDeleteओ ओंकार सकल जग सिरजे, वाही में सब रंग
Deleteवो पुरुष सब ही से न्यारा, बसहिं सबन्हि के संग.
सभी नाम परम पुरुष परमात्मा के ही हैं. भगवन के अनेकानेक नामों में से एक नाम ॐ और सत्यनाम भी है. ॐ को मूल नाम कह सकते हैं. सत्यनाम इसलिए भगवन को कहा जाता है क्योंकि उनके सारे नाम सत्य हैं. अर्थात भगवान् के अनेकों नामों को सत्यता प्रदान करने के कारण उनका एक नाम सत्यनाम भी है.