गोविंदे तूं निरंजन तूं निरंजन तूं निरंजन राया । तेरे रूप नाही रेख नाहीं मुदे नाही माया ।। समद नाहीं शिखर नाहीं, धरती नाहीं ग...

Nature of God भगवान का स्वरूप

Nature of God भगवान का स्वरूप

Nature of God भगवान का स्वरूप

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गोविंदे तूं निरंजन तूं निरंजन तूं निरंजन राया । तेरे रूप नाही रेख नाहीं मुदे नाही माया ।। समद नाहीं शिखर नाहीं, धरती नाहीं गगनां । रवि ससि दोउ एकै नाहीं, बहत नाहीं पवनां ।।
नाद नाहीं ब्यंद नाहीं, काल नाहीं काया । जब तै जल व्यंब न होते, तब तूं हीं राम राया ।। जप नाहीं तप नाहीं, जोग ध्यान नहीं पूजा । शिव नाहीं शक्ति नाहीं, देव नहीं दूजा ।। रूग न जुग न श्याम अथरबन, वेद नहीं व्याकरनां । तेरी गति तू ही जानैं, कबीरा तेरी सरनां ।।

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