3:21 PM
भाई रे दुइ जगदीश कहाँ ते आया,
कहु कौने बौराया ।
अल्लह राम करीमा केशव,
हरि हजरत नाम धराया ।।
गहना एक कनक ते गहना,
यामें भाव न दूजा ।
कहन सुनन का दुई करि थापे,
एक निमाज एक पूजा ।।
वही महादेव, वही महम्मद,
ब्रह्मा आदम कहिये ।
को हिन्दू को तुरूक कहावे,
एक जिमीं पर रहिए ।।
वेद कितेब पढ़े वै कुतुबा,
वै मुलना वै पांडे ।
बेगरि बेगरि नाम धराये,
एक मटिया के भांडे ।।
कहहिं कबीर वै दोनों भूले,
रामहिं किनहुं न पाया ।
वै खस्सी वै गाय कटावै,
बादहि जनम गँवाया ।।
(रमैनी—30)
शब्दार्थ : कुतुबा — बहुत से किताब रखने वाला, बेगरि — अलग, भांडे — बरतन
भाई रे दुइ जगदीश कहाँ ते आया, कहु कौने बौराया । अल्लह राम करीमा केशव, हरि हजरत नाम धराया ।। गहना एक कनक ते गहना, यामें भाव न दूजा । ...
जगदीश
जगदीश
जगदीश
8
10
99
भाई रे दुइ जगदीश कहाँ ते आया,
कहु कौने बौराया ।
अल्लह राम करीमा केशव,
हरि हजरत नाम धराया ।।
गहना एक कनक ते गहना,
यामें भाव न दूजा ।
कहन सुनन का दुई करि थापे,
एक निमाज एक पूजा ।।
वही महादेव, वही महम्मद,
ब्रह्मा आदम कहिये ।
को हिन्दू को तुरूक कहावे,
एक जिमीं पर रहिए ।।
वेद कितेब पढ़े वै कुतुबा,
वै मुलना वै पांडे ।
बेगरि बेगरि नाम धराये,
एक मटिया के भांडे ।।
कहहिं कबीर वै दोनों भूले,
रामहिं किनहुं न पाया ।
वै खस्सी वै गाय कटावै,
बादहि जनम गँवाया ।।
(रमैनी—30)
शब्दार्थ : कुतुबा — बहुत से किताब रखने वाला, बेगरि — अलग, भांडे — बरतन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मालिक बाबा - परम पूज्य बौआ साहब जू
Labels
Aarti
(1)
Adhyatm
(1)
Beejak
(4)
bhajan
(5)
Deepawali
(1)
Dohe
(2)
Festival
(1)
God
(3)
Guruwani
(1)
Ishwar
(1)
Jagdish
(1)
Kabir Das
(3)
Kabir ke Dohe
(2)
Kabir Wani
(4)
Maya
(1)
Ramaini
(1)
Sant Kabir ke Bhajan
(4)
Shabd
(2)
Vegetarianism
(2)
अहिंसा
(1)
आसरा
(1)
भजन
(2)
विविध
(2)
शाकाहार
(2)
संत वाणी
(11)
संत वाणी Sant Wani
(16)
0 comments: