धन्य कबीर ​कुछ जलवा दिखाना हो तो ऐसा हो। बिना माँ—बाप के दुनिया में आना हो तो ऐसा हो।। धन्य कबीर..........................।। उ​तर...

Kabir Mahima कबीर महिमा

Kabir Mahima कबीर महिमा

Dhanya kabir kuchh jalwa dikhana ho to aisa ho. Bina ma baap ke duniya me aana ho to aisa ho.

Kabir Mahima कबीर महिमा

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Kabir+Saheb+Birth


धन्य कबीर ​कुछ जलवा दिखाना हो तो ऐसा हो।
बिना माँ—बाप के दुनिया में आना हो तो ऐसा हो।।
धन्य कबीर..........................।।

उ​तरि असमान से इक नूर का गोला कमल—दल पर
वो आके बन गया बालक बहाना हो तो ऐसा हो।
कहूं क्या ढंग गंगा के किनारे शिष्य होने की
जो रामानन्द स्वामी को भुलाना हो तो ऐसा हो।
धन्य कबीर..........................।।

छुड़ा कर ढोंग दुनिया के सत्य उपदेश देते थे
सारे मैदान पर डंका बजाना हो तो ऐसा हो।।
बहस करने को पंडित मौलवी सब पास में आए
भए सरमिन्दे आपी खुद हराना हो तो ऐसा हो।
धन्य कबीर..........................।।

सुनाके ज्ञान निरवानी, किया दोउ दीन को चेला
अमर संसार में सद्गुरू कहाना हो तो ऐसा हो।।
छोड़ के फूल औ तुलसी चले सादेह निज घर को
परम अवतार इस जग से रवाना हो तो ऐसा हो।
धन्य कबीर..........................।।
               
                       साहेब बन्दगी—3

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